The Boy Friend Part - 4

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द बॉयफ्रेंड (भाग – 4)


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शिर्षक (Title) - द बॉयफ्रेंड (भाग – 4)।
वर्ग (Category) – प्रेम कथा, रोमांचक कथा (Love Story, Thriller)
लेखक (Author) – सी0 एन0 एजेक्स (C.N. AJAX)


The_Boy_Friend



जैसे ही बलराज और जानकी नाथ माथुर विद्यालय के उदघाटन के लिए रिबन काटने आगे जाते है कि तभी उन पर हमला होता है।

हमले में बलराज़ बुरी तरह ज़ख्मी हो जाते है और इस हमले में वो अपनी जान गवाँ बैठते है। पर अपने प्राणों को त्यागते हुए भी वो विद्यालय के उदघाटन का रिबन काट देते हैं और जानकी नाथ माथुर से एक वादा लेते है, कि वो इस विद्यालय की योजना को सफल जरुर बनायेंगे और उनके गाँव को नशे की लत से मुक्त करेंगे।

हमला करने के वाले बदमाश गुंडे हमला करके भाग जाते हैं, पर जाते जाते एक धमकी भरा संदेश दे कर भी जाते है कि “अब भी कोई इस स्कुल में पढ़ने जायेगा, तो अपनी जान हाथ धो बैठेगा”।

असली चुनौती तो अब थी, क्योंकि गावँ वाले इस हादसे से डर चुके थे और कोई भी अपने बच्चों की जान ज़ोखिम के डालना नहीं चाहता था। बलराज़ गाँव के मुखिया थे इसलिए उनकी मृत्यु के बाद किसी न किसी को तो यह पद सम्भालना था। वहां के भ्रष्ट नेता बड़ी ही चालिकी से चौरंगी लाल नाम के आदमी को मुखिया के रुप में नियुक्त कर देते है जो उनका अपना आदमी होता है।

चौरंगी लाल का सिर्फ एक मकसद होता है कि किसी भी प्रकार जानकि नाथ माथुर की योजना में विघ्न डालना। वह तरह के षड़यंत्र बनाते ताकि जानकि नाथ माथुर अपने मंसुबे मे कामयाब नहीं हो सके और हार कर गाँव से वापस चला जाए।

जानकि नाथ माथुर बचपन से ही हठी थे और हार मानना उनकी फिदरत में थी ही नहीं। केन्द्र और राज्य में भी अपनी पार्टी की सरकार होने का फायदा उठाकर वो सरकार से गुजारिश करते है कि उस विद्यालय को सेना की सुरक्षा दी जाए। सरकार की ओर से जानकि नाथ माथुर के आग्रह को स्वीकृती मिल जाती है और विद्यालय में सेना सुरक्षा बल तैनात कर दिये जाते है।

अब विरोधी भी एक नई चाल चलते है और मुखिया चौरंगी लाल लोगों में फुट डालता है। एक दिन सुबह सुबह गाँव में भीड़ को इकट्ठा करके वो भाषण देता है –

चौरंगी लाल – (आवाज़ में ज़ोर डाल कर) गाँव के भाई बंधुओं, जानकि नाथ माथुर आपके के भले ले लिए कुछ भी नहीं करने वाला। वो इस गाँव में आया और आपके पुराने मुखिया के जान चली गई। उसने आपनी मंसुबों को कामयाब करने के लिए अपनी बचपन की दोस्त की भी बलि चढ़ा दी और अब वो इस गांव के हरेक बच्चों और युवा की जान ले लेगा।  इस स्कुल के बहाने वो अपनी जेब भर रहा है।



इस विद्यालय में अब सेना की सुरक्षा के इंतजाम करके आपकी और आपके बच्चों की हिफाज़त का आस्वाशन दे रहा है और शिक्षा देने का वादा कर रहा है, पर मुझे आप ये बताईए की कभी किसी को बंदुक के सहारे कलम चलाना सिखाया जा सकता है?

उस भीड़ मे खड़े जानकि नाथ माथुर सब कुछ सुन रहे थे, जब ये सब देख कर उनसे रहा नहीं गया तो वो खुद गाँव वालों की भीड़ के सामने आ गये और चौरंगी लाल को टोकते हुए कहा –

जानकि नाथ माथुर - (आवाज़ में ज़ोर डाल कर, गाँव वालों को सम्बोधित करते हुए)  ये विद्यालय केवल अज्ञानता के अंधकार को दुर करने के लिए नहीं है बल्कि आपके जीवन के भी अंधकार को दुर करने के लिए भी है। इस गाँव के बच्चों और जवान लड़कों के जीवन में कोई लक्ष्य नहीं है इसी वजह वो नशे के खाई में एक के बाद एक करके गिरते जा रहें है। जरा सोचिये हमारे बच्चे पढेंगे, उनका बौद्धिक विकास होगा और उनके जीवन में भी कुछ कर गुजरने की भी ईच्छा जागेगी और वो अपना लक्ष्य खुद तय करेंगे और उस लक्ष्य को हासिल करने के लिए जीयेंगे न की नशा करने के लिए।

चौरंगी लाल – (जोर की आवाज में बीच में ही फटकार लगाते हुए) अरे, छोड़ो जानकि नाथ, बहुत सुनी तुम्हारे बड़ी बड़ी बातें, अगर इतनी ही अच्छी शिक्षा तुम्हें इस विद्यालय में देनी है तो अभी तक अपनी बेटी को क्यों फौरन के देश में पढा रहे हो, यहां लाकर पढ़ाओ?... क्यों भाईयों...?

गाँव वाले भी चौरंगी लाल की बातों में हां मे हां मिलाने लगे और जोर जोर से चिल्लाने लगे और ये शर्त रखी – हां हां...जानकि नाथ माथुर की बेटी का दाखिला इस विद्यालय में सबसे पहले होगा फिर हम अपने बच्चों को भेजेंगे।

तभी चौरंगी लाल धीरे धीरे चलकर जानकि नाथ माथुर के करिब आता है फुसफुसाता है – जानकि नाथ अब तु कोई भी चाल चल ले तेरी हार पक्की है।

जानकि नाथ माथुर ये सब देख-सुन हैरत और असमंजस में पड़ जाते है जिन गाँव वालों के बच्चों की जींदगी को वो बचाना चहते थे वही गाँव वाले उन्ही के बच्ची की जींदगी को दाँव पर लगाने को आतुर थे।

हैरान और परेशान हो कर वहां से चले जाते है। मीडिया वालों को इस बात की खबर होती है तो वो इस पर एक विस्तृत रिपोर्ट बना कर अपने चैनल प्रसारित कर देते है और यह बात जानकि नाथ माथुर की एक लौती संतान आशि माथुर तक पहुंच जाती है और बिना सोचे समझे भारत आ जाती और अपने पिता से मिलती है।

आशि – डैडी, इतना सब कुछ हो गया और आपने मुझे बताया तक नहीं?
जानकि नाथ – कैसे बताता, मैं जानता था कि अगर तुम्हें ये सब पता चलेगा तो तुम भारत वापस आ जाओगी और ये मैं किसी किमत पर नहीं होनें देना चाहता था। बेटा अब भी वक्त है वापस लौट जाओ।

आशि – आप अपनी बेटी को बेटा भी कहते है और एक कायर के तरह यहाँ से भाग जाने को भी कहाँ रहें है। जानकि नाथ – (आँखों से आँसे पोछते हुए) आखिर हुँ तो मैं एक पिता ही, तुम्हें अपने मकसद में कामयाब होने ज़रिया तो नहीं बना सकता न?
आशि – जरा सोचिए पिता जी, यही मनोस्थिति तो उन गाँव वालों की भी होगी तभी तो वो भी अपने बच्चों की जींदगी खतरे में डालना नहीं चाहते होंगें।

अपनी बेटी की इतनी समदारी भरी बात को सुनकर, गर्व से उनका सिना चौड़ा हो गया। उन्होंने अपने बेटी को सिने से लगा लिया और कहा – तु है तो मेरी छोटी सी प्यारी बिटिया, पर बात बड़ी समझदारी वाली करती है, बिल्कुल अपनी बलराज चाचा की तरह। अगर तेरे चाचा हमारे बीच होते तो बहुत ही खुश होते। बेटा उसके जाने के बाद मैं अकेला हो गया था पर तेरे आने मुझे फिर से एक हौसला मिला है बेटा।

इतना कहाँ कर जानकि नाथ मन में सोचते है – चौरंगी अब तु मेरी चाल देख...।


अगली सुबह

जानकि नाथ – (गाँव वालों की भीड़ को इकट्ठा करके) गाँव वालों आपने जैसा कहा था, मेरी बेटी की पढाई भी अब इसी कॉलेज में होगी, सबसे पहले इसका दखिला होगा और हाँ मेरे दोस्त बलराज ने अपने प्राणों की बलि दी है और अगर आपके मन में उसके लिए थोड़ी इज्जत है तो मुझ पर भरोसा रखिये, मैं आपको निराश नहीं करूंगा।

गाँव वालों को अब जानकि नाथ माथुर पर भरोसा होने लगता है और सभी अपने अपने बच्चों के दाखिले के लिए राज़ी हो जाते है। सारे विद्य़ार्थीयों का नामांकन हो जाता है। शिक्षकगण की नियुक्ति भी हो जाती है पर इंटेलिजेंस ब्युरो से एक गुप्त सुचना मिलती है कि अब जानकि नाथ माथुर की बेटी आशि को निशाना बनाये जाने की योजना बनाई जा रही है।

जानकि नाथ माथुर कोई भी जोखिम नहीं उठाना चाहते थे इसीलिए वो एक स्पेशल बैटल फिल्ड स्नाईपर कमांडोज़ की मदद लेते है। इन कमांडोज़ की टीम का नाम था ‘ट्विस्टर ट्वींस’। ट्विस्टर ट्वींस स्पेशल बैटल फिल्ड स्नाईपरस की खास बात ये होती है कि ये किसी भी मिशन में खुद को छुपा कर रखते है। ये एक अंडरकवर स्नाईपरस कमांडोज़ की टीम होती है और जोड़े में काम करते है।





कहानी आगे जारी रहेगी...
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